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श्रीदेवी की बेटी को परेशान कर रहा सिरफिरा फैन, जाह्नवी को लिखता है- I love u Jaanu

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श्रीदेवी की बेटी जाह्नवी कपूर फिल्म 'धड़क' से बॉलीवुड डेब्यू करने जा रही हैं। हालांकि डेब्यू से पहले ही वो पॉपुलर हो चुकी हैं और उनकी काफी फैन फॉलोइंग भी है। इन्हीं फैन्स के बीच जाह्नवी का एक सिरफिरा फैन भी है, जो सोशल मीडिया पर उन्हें आए दिन आई लव यू जाह्नवी लिखकर परेशान करता है। आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें from दैनिक भास्कर https://ift.tt/2IxqmIJ

पति के साथ बिना मेकअप दिखीं नेहा: न मांग में था सिंदूर, न गले में था मंगलसूत्र

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नेहा धूपिया रविवार को हसबैंड अंगद बेदी के साथ बांद्रा में नजर आईं। इस दौरान नेहा ने नाइट ड्रेस पहनी हुई थी। उनके हाथों में शादी का लाल चूड़ा दिखाई दे रहा था। लेकिन न तो उनकी मांग में सिंदूर था और न ही गले में मंगलसूत्र नजर आ रहा था। इतना ही नहीं, नेहा के चेहरे से मेकअप भी गायब था। अंगद की बात करें तो उन्होंने लोवर, टी-शर्ट के साथ कैप पहना हुआ था। आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें from दैनिक भास्कर https://ift.tt/2Lj2vdO

फिल्म का बजट देख कंगना मांगती हैं अपनी फीस, मणिकर्णिका में लिए 10 करोड़

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नेपोटिज्‍म विवाद के चलते सुर्खियों में रहीं कंगना रनोट जल्द ही अपकमिंग फिल्म 'मणिकर्णिका : द क्वीन ऑफ झांसी' में नजर आएंगी। इस फिल्म में कंगना रानी लक्ष्मीबाई का किरदार निभा रही हैं। फिल्म के प्रोड्यूसर कमल जैन के मुताबिक, नेपोटिज्म के विवादों के बावजूद कंगना की ब्रांड वैल्यू कम नहीं हुई है और उन्हें इस मूवी के लिए बतौर फीस 10 करोड़ रुपए मिले हैं। आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें from दैनिक भास्कर https://ift.tt/2GCc3ge

रानी मुखर्जी के लिए घर छोड़कर होटल में रहने लगे थे आदित्य चोपड़ा

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डायरेक्टर-प्रोड्यूसर आदित्य चोपड़ा 47 साल के हो गए हैं। उनका जन्म 21 मई, 1971 को मुंबई में हुआ था। लाइमलाइट में दूर रहने वाले आदित्य ने 2014 में बॉलीवुड एक्ट्रेस रानी मुखर्जी से शादी की थी। दोनों की एक बेटी है आदिरा। आपको बता दें कि रानी से शादी करने से पहले 2001 में आदित्य ने अपने बचपन की दोस्त पायल खन्ना से शादी की थी, लेकिन 2009 में दोनों का तलाक हो गया। पायल से तलाक लेने से पहले ही आदित्य और रानी के अफेयर की चर्चा होने लगी थी। आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें from दैनिक भास्कर https://ift.tt/2IxOZoE

WORLD FAMOUS SANKHA KSHETRA (DAAM)

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      The holy land of Odisha is divided into four kshetras. These kshetras are named after the four names of weapons of Lord Vishnu such as sankha (conch shell), chakra (disc), gada (mace) and padma (lotus). Puri Dham is known as Sankha Kshetra. Bhubaneswar is Chakra Kshetra, Jajpura is Gada Kshetra, and Konark is Padma Kshetra.   Puri is known by various names of which Sankha Kshetra is one. Sankha means conch shell. The geographical size of Puri resembles a right oriented conch shell, the ‘Dakshinavarta Sankha’, which is why it is also called the Sankha Kshetra. The sacred section of puri looks like a conch shell and it is in this section that all the sacred centres like temples, mathas, sacred tanks, trees and various other sacred sites are located. Sankha or conch shell is one of the Aiyudhas of Lord Vishnu, who resides in the naval or the central part of the Conch shell in the form of Lord Jagannath. The Sankha Kshetra covers an area of 10 miles, out of which nea

Lord Krishna Abhishek

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It is said that since Braj is serving the child image of Thakurji and it is believed that he is like his child, Bal-Gopal. Therefore, if they are anointed with water in sleep at night, then it will not be good for the mother Yashoda to do so. Because of Lord Krishna's birth in midnight, wherever in his entire life, his birthplace is done on the night of Ashtami of Bhadrapada month's Krishna party, but there are three temples in Vrindavan where Thakurji is anointed in the day. It is said that since Braj is serving the child image of Thakurji and it is believed that he is like his child, is a child-gopal. Therefore, if they will be anointed with water at night, then it will not be good for the mother Yashoda to do so. In these three temples, the main temple, the disciple of Chaitanya Mahaprabhu, Gopal Bhatt, founded in Vrindavan. Thakurji's abhishek in the Radharaman Lal temple is done in the day only in the year 1542 AD according to the tradition

om sai ram

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